Barrier Free Environment (बाधा‍रहित वातावरण)
Barrier Free Environment (बाधा‍रहित वातावरण)
Guidelines and Space Standards for Barrier Free Built Environment for Disabled and Elderly Persons

Barrier-free environment enables people with disabilities to move about safely and freely, and use the facilities within the built environment. The goal of barrier free design is to provide an environment that supports the independent functioning of individuals so that they can participate without assistance, in every day activities. Therefore, to the maximum extent possible, buildings / places / transportation systems for public use will be made barrier free. Central Public Works Department under the Ministry of Urban Development has issued guidelines in this regard.

म. प्र. शासन, नगरीय प्रशासन तथा विकास विभाग द्वारा दिव्‍यांगजनों के बाधा‍रहित वातावरण के निर्माण हेतु नि:शक्‍त व्‍यक्ति (समान अवसर,अधिकार संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम 1995 की धारा-44 एवं 45 के प्रावधानों को सुनिश्चित किये जाने हेतु म.प्र. भूमि विकास नियम 1984 के उपबंधो में वर्ष 2000 में आवश्‍यक संशोधन कर दिव्‍यांगजनों के लिए आदर्श उपविधियों को सम्मिलित किया गया हैं। नगरीय क्षेत्रो में सार्वजनिक भवनों निर्माण की स्‍वीकृति संबंधी जारी किये जाने वाले आदेश में उपविधियों का पालन तथा भवन ड्राइंग में रैम्‍प व रैलिंग निर्माण की शर्त अनिवार्य रूप से सम्मिलित किये जाने तथा इसके अतिरिक्‍त निर्मित सार्वजनिक भवनों में दिव्‍यांगजनो के लिए बाधारहित वातावरण उपलब्‍ध कराने की द्वष्टि से यथासंभव आवश्‍यक प्रावधान सुनिश्चित किये जाने के निर्देश समस्‍त जिला कलेक्‍टर्स / आयुक्‍त नगर निगम / मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी को प्रसारित किये गये हैं। सामाजिक न्‍याय संचालनालय द्वारा नि:शक्‍त कल्‍याण के क्षेत्र में संचालित समस्‍त शासकीय संस्‍‍थाओं में बाधारहित वातावरण का निर्माण किये जाने हेतु पत्र क्रमांक / नि.क. /9/71/2005/287,दिनांक 7-2-2005 द्वारा निर्देश प्रसारित किये गये हैं। परिवहन विभाग द्वारा बस स्‍टैण्‍ड पर दिव्‍यांगजनों के सुगम आवागमन हेतु रेम्‍प, शौचालय, नल की टोटी की उचाई कम कर लगाये जाने के निर्देश भी प्रसारित किये गयें है।

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  • संक्षिप्त प्रस्तावना
  • बाधारहित वातावरण से संबंधित अधिनियम
  • बाधारहित वातावरण के लिए दिशा निर्देश
  • बाधा मुक्त वातावरण के लिए योजना
  • बाधारहित वातावरण से संबन्धित अन्य जानकारी

संक्षिप्त प्रस्तावना

संयुक्त राष्ट्रसंघ की साधारण सभा ने सन 1981 को 'अंतर्राष्ट्रीय विकलांग वर्ष' घोषित किया था| 'विकलांग व्यक्तियों को पूर्ण सहभागिता एवं समानता' इस नारे के साथ विकलांग व्यक्ति को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए विशिष्ट कार्ययोजना तैयार की गई | संयुक्त राष्ट्रसंघ द्वारा प्रतिपादित सामान्य उद्देशयों के अनुरूप भारत की संसद ने भी नि:शक्त व्यक्ति (समान अवसर, अधिकार, संरक्षण और पूर्णभागीदारी) अधिनियम 1995 पारित किया | इस अधिनियम के आठवें अध्याय के अंतर्गत यह अनिवार्य है की दिव्‍यांगता से पीड़ित व्यक्ति के प्रति किसी भी प्रकार का भेदभाव न रखा जाये | अभेदभाव के इस तत्व के अनुसार भवनों को अनुकूल बनाया जाना अपरिहार्य है जिसके फल स्वरूप दिव्‍यांगता से पीड़ित व्यक्ति भी उनका सहजता से प्रयोग कर सके | बाधारहित वातावरण की संकल्पना की नींव इसी मूल तत्व में है|

परिभाषा

बाधरहित वातावरण अर्थात ऐसा वातावरण जिसमें दिव्‍यांगता से पीड़ित व्यक्ति सभी गतिविधियों सुरक्षा तथा सरलता से कर सकता हैं |

बाधारहित वातावरण से संबंधित अधिनियम

दिव्‍यांगता के प्रकार (Type of Disabilities)

1. Non- Ambulatory (गतिबाधित व्यक्ति) : Impairments that, regardless of cause or manifestation, for all practical purposes, confine individuals to wheel-chairs.

2. Semi- Ambulatory (अर्द्ध-गतिबाधित व्यक्ति) : Impairments that cause individuals to walk with difficulty or insecurity. Individual using braces or crutches, amputees, arthritics, spastics and those with pulmonary and cardiac ills may be seni-ambulatory.

3. Sight (द्रष्टिबाधित व्यक्ति) : Total blindness or impairments affecting sight to the extent that the individual functioning in public areas is insecure or exposed to danger

4. Hearing (श्रवणबाधित व्यक्ति) : Deafness or hearing handicaps that might make an individual insecure in public areas because he is unable to communicate or hear warning signals

बाधारहित वातावरण के लिए दिशा निर्देश (Guidelines for Barrier Free Built Environment)

1. म. प्र. शासन, नगरीय प्रशासन तथा विकास विभाग द्वारा दिव्‍यांगजनों के बाधा‍रहित वातावरण के निर्माण हेतु नि:शक्‍त व्‍यक्ति (समान अवसर,अधिकार संरक्षण और पूर्ण भागीदारी) अधिनियम 1995 की धारा-44 एवं 45 के प्रावधानों को सुनिश्चित किये जाने हेतु म.प्र. भूमि विकास नियम 1984 के उपबंधो में वर्ष 2000 में आवश्‍यक संशोधन कर दिव्‍यांगजनों के लिए आदर्श उपविधियों को सम्मिलित किया गया हैं। नगरीय क्षेत्रो में सार्वजनिक भवनों निर्माण की स्‍वीकृति संबंधी जारी किये जाने वाले आदेश में उपविधियों का पालन तथा भवन ड्राइंग में रैम्‍प व रैलिंग निर्माण की शर्त अनिवार्य रूप से सम्मिलित किये जाने तथा इसके अतिरिक्‍त निर्मित सार्वजनिक भवनों में दिव्‍यांगजनो के लिए बाधारहित वातावरण उपलब्‍ध कराने की द्वष्टि से यथासंभव आवश्‍यक प्रावधान सुनिश्चित किये जाने के निर्देश समस्‍त जिला कलेक्‍टर्स / आयुक्‍त नगर निगम / मुख्‍य नगर पालिका अधिकारी को प्रसारित किये गये हैं।

2. सामाजिक न्‍याय संचालनालय द्वारा नि:शक्‍त कल्‍याण के क्षेत्र में संचालित समस्‍त शासकीय संस्‍‍थाओं में बाधारहित वातावरण का निर्माण किये जाने हेतु पत्र क्रमांक / नि.क. /9/71/2005/287,दिनांक 7-2-2005 द्वारा निर्देश प्रसारित किये गये हैं।

3. परिवहन विभाग द्वारा बस स्‍टैण्‍ड पर दिव्‍यांगजनों के सुगम आवागमन हेतु रेम्‍प, शौचालय, नल की टोटी की उचाई कम कर लगाये जाने के निर्देश भी प्रसारित किये गयें है।

4. संचालनालय, स्वास्थ्य सेवाएँ, म. प्र. द्वारा समस्त जिला चिकित्सालयों में रैम्प के निर्माण हेतु पत्र क्रमांक / अस्प-प्रशासन /सेल-4/2004/304/दिनांक 27-7-2004 द्वारा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी/ सिविल सर्जन को निर्देशित किया गया हैं |

बाधा मुक्त वातावरण के लिए योजना ( PLANNING A BARRIER FREE ENVIRONMENT)

Office of the Chief Commissioner for Persons with Disabilities

PREFACE

The publication 'Planning a Barrier Free Environment' published in 2001 was hailed as a welcome initiative. The manual is being used extensively to promote barrier free environment. A copy of the manual has been circulated at several workshops organized by the Office of the Chief Commissioner for Persons with Disabilities, all over the country. The overwhelming response to add usefulness of the manual can be gauged by the fact that the third edition is being brought out on great demand from various sectors of the society. Since 2001, over 2000 copies of the manual have been printed. Regional language editions are also planned. As spelt out clearly in the Persons with Disabilities (Equal Opportunities, Protection of Rights and Full Participation) Act, 1995, a barrier free built environment is essential to facilitate the disabled. It is hoped that this manual will help in bringing us as closer to our goal of an inclusive, barrier free and rights based society as possible. I deeply appreciate the efforts put in by Ms. Shivani Gupta and Mr. Vikas Sharma of Indian Spinal Injury Center in compiling this much needed and useful manual.

Chief Commissioner for Persons with Disabilities

बाधारहित वातावरण से संबन्धित अन्य जानकारी (Other information related to Barrier Free Environment)

बाधारहित वातावरण की आवश्यकता इसलिए महत्वपूर्ण है कि दिव्‍यांगता से पीड़ित व्यक्ति कि पहुँच तथा कार्य विभिन्न स्थानो पर, जैसे घर, सार्वजनिक भवन, कार्यालयों, मनोरंजन स्थल आदि, सुगमता से हो सके| यह जानकारी बाधारहित वातावरण की आवश्यकता के प्रति जागरूकता निर्माण करने के उद्देश्य से दी गई है|