नि:शक्त व्यक्तियों को विशेष साधन/उपकरण देना
उद्देश्य :
  • अस्थिबाधित, दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित नि:शक्त व्यक्तियों को शारीरिक दोष दूर करने के लिए विशेष साधन/उपकरण प्रदाय करना।
योजना का स्वरूप और कार्यक्षेत्र :
  • इस योजना में प्रदेश के अस्थिबाधित, दृष्टिबाधित, श्रवणबाधित, नि:शक्त व्यक्तियों को नि:शक्तता के आधार पर और विशेषज्ञ की सलाह से कैलीपर्स, आर्थोपैडिक जूते, बैसाखी, ट्रायसिकल, व्हील चेअर, छड़ी, और श्रवण यंत्र आदि उपकरण/साधन उपलब्ध कराये जाते है।
पात्र हितग्राही :
  • ऐसे हितग्राही छात्र-छात्राएं जो पहली कक्षा से स्नातक एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हो और जिनकी आयु ६ से २५ वर्ष के बीच हो।
  • जिनके माता/पिता/अभिभावक की मासिक आय रुपये २००० से अधिक न हो।
  • १६ वर्ष से ५५ वर्ष की उम्र के बीच के नि:शक्त व्यक्ति जिन्हें अपना काम पूरा करने के लिए विशेष साधन/उपकरण की आवश्यकता हो और वे स्वयं इसको खरीदने में समर्थ न हो, उनको ही विशेष साधन उपलब्ध कराये जाते है।
हितग्राही चयन प्रक्रिया:
  • जिलास्तर या तहसील स्तर पर या अन्य शिविरों के माध्यम से विशेषज्ञ द्वारा परीक्षण कराकर उनके लिए सुझाए गये कृत्रिम अंग/उपकरण उपलब्ध कराये जाते है। संपर्क- जिला कार्यालय, पंचायत एवं सामाजिक न्याय विभाग